बीबीसी के दिल्ली और मुंबई में दफ्तर में आयकर विभाग की कार्रवाई प्रेस की आजादी पर हमला

भोपाल। विगत कई दिनों से सरकार के टारगेट पर आई बीबीसी पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के इंकार के बाद सरकार ने ओछी राजनीति आरंभ कर दी जिसका परिणाम है

बीबीसी के दिल्ली और मुंबई में दफ्तर में आयकर विभाग की कार्रवाई ।आईटी विभाग की इस कारवाही का सीधा संबंध प्रेस की आजादी पर हमला है। प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद खालिद कैस ने आई टी विभाग की इस कार्यवाही की तीखी निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ प्रेस की आजादी पर हमला बताया। उन्होंने कहा जहां एक ओर न्यायपालिका का कहना है कि सरकार की नीतियों के विरोध में करना तथा सरकार की निष्पक्ष आलोचना पत्रकार का अधिकार है,वही दूसरी ओर सरकार की एजेंसी पत्रकारिता का दोहन कर रही है।

 

मालूम हो कि यह कार्रवाई देश में अल्पसंख्यकों की मौजूदा स्थिति और गुजरात में 2002 की हिंसा पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की रिलीज के बाद की गई है। डॉक्यूमेंट्री को केंद्र सरकार ने गलत और पूर्वाग्रह से भरा रिपोर्ट बताते हुए बीबीसी की आलोचना की है और भारत में इसके ऑनलाइन देखने पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया।आयकर विभाग का सर्वे सरकारी एजेंसियों का उपयोग कर उन प्रेस संगठनों को डराने और परेशान करने की प्रवृत्ति के तहत है जो सरकारी नीतियों या सत्ता प्रतिष्ठान की आलोचना करते हैं।

 

श्री कैस ने कहा 2014 से सत्ता में आई भाजपा के शासनकाल में प्रेस की आजादी पर सबसे ज्यादा हमले हुए हैं। बीबीसी के दिल्ली और मुंबई में दफ्तर में आयकर विभाग की कार्रवाई यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पूर्व भी सितंबर 2021 में, आई-टी विभाग द्वारा न्यूजक्लिक और न्यूजलॉन्ड्री के कार्यालयों का इसी तरह सर्वे किया गया था। जून 2021 में दैनिक भास्कर और भारत समाचार के खिलाफ भी सर्वे हुए थे। फरवरी 2021 में ईडी ने न्यूजक्लिक के कार्यालय पर छापे मारे थे। इन सभी मामलों में छापे और सर्वे समाचार संगठनों द्वारा सरकारी प्रतिष्ठान के कवरेज की पृष्ठभूमि के तहत थे। यह एक ऐसी प्रवृत्ति है जो लोकतंत्र को कमजोर करती है।

 

प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद खालिद कैस ने सरकार के द्वारा मीडिया प्रतिष्ठान,संगठनों पर बदले की भावना से किए जा रहे हमले विश्व स्तर पर देश की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम कर रहे हैं ।ऐसे में स्वतंत्र एवम निष्पक्ष रूप से पत्रकारिता भारत में जटिल होती जा रही है जो चिंता का विषय है।सरकार को इस और ध्यान देना होगा ,मीडिया की स्वतंत्रता पर आघात चिंतनीय है।