शिवराज सरकार ने पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए समिति बनाकर फिर पत्रकारों को ठगा:सैयद खालिद कैस
भोपाल। मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन द्वारा आज 20सितंबर को एक आदेश जारी कर मध्यप्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने के संबंध में अपर मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन, गृह विभाग की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है।
जिसमे प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, विधि विधायी कार्य विभाग को सदस्य बनाते हुए सचिव, मध्यप्रदेश शासन, जनसंपर्क विभाग को सदस्य सचिव बनाया है। इस समिति में नामंकित प्रतिनिधि, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता संचार विश्वविद्यालय, भोपाल तथा शासन द्वारा नामंकित वरिष्ठ पत्रकार को सदस्य बनाया है।उक्त समिति पत्रकार सुरक्षा कानून के संबंध में देश में प्रचलित प्रावधानों का अध्ययन कर अपना प्रतिवेदन दो माह की अवधि में प्रस्तुत करेगी।
प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर सैयद खालिद कैस एडवोकेट ने एक प्रेस विज्ञप्ति में शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गत दिनों माननीय मुख्यमंत्री जी ने अपने आवास पर पत्रकार समागम कर घोषणा की थी कि शीघ्र एक समिति बनाई जाएगी जो पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए काम करेगी। उनकी घोषणा के लगभग 15दिवस बाद बनाई गई यह समिति दो माह में अपना प्रतिवेदन कैसे से सकती है।जबकि अगले माह के प्रथम सप्ताह में प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लग जाएगी। यह साफ तौर पर पत्रकार समाज के केवल चुनावी शिगुफा साबित हो रहा है।सरकार द्वारा बनाई गई समिति चुनाव से पूर्व कोई प्रतिवेदन नही दे सकती और चुनाव के बीच में प्रतिवेदन का कोई प्रभाव नहीं रहेगा।
श्री कैस ने शिवराज सरकार पर पत्रकारों के साथ कुठाराघात का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की पत्रकार बिरादरी इस प्रपंच में न आए। इस चुनाव में यदि भाजपा ,कांग्रेस अपने चुनावी घोषणा पत्र में पत्रकार सुरक्षा कानून को रखती है तभी पत्रकार बिरादरी उनके पक्ष में कार्य करे अन्यथा उनकी चुनावी सभाओं का बहिष्कार करें।
संगठन की डिजिटल मीडिया विभाग के प्रदेश संयोजक आशीष बंग माहेश्वरी ने कहा कि संगठन विधानसभा चुनावों में उसी पार्टी को समर्थन करेगा जो पत्रकार सुरक्षा कानून लागू कराने का वचन देगा। पत्रकारों की सुरक्षा उनका कल्याण नितांत आवश्यक है।