भोपाल । मध्यप्रदेश जनसम्पर्क संचालनालय में विज्ञापन दलालो एवं भ्रष्ट अफसरों के आचरण की भेंट चढ़े एक वृद्ध बीमार पत्रकार ने अन्ततः जनसंपर्क ऑफ़िस की चौखट पर पैर पटक पटककर जान दे दी । यह हादसा प्राकृतिक मौत नही वरन योजनाबद्ध तरीके से की गई हत्या कहा जाए तो अतिशयोक्ति नही होगी ।
गौरतलब हो कि भोपाल निवासी मासिक पत्रिका के (70 वर्षीय वृद्ध एवं बीमार )संपादक योगेश दीक्षित का कल जनसम्पर्क के दफ़्तर में अपर आयुक्त से मुलाकात की
प्रतीक्षा में हृदय घात से मौत हो गई । क्योंकि जनसम्पर्क संचालनालय द्वारा 15अगस्त को विज्ञापन प्रदान किए गए । भारी औपचारिकताओ के बावजूद मिले यह विज्ञापन भी इतनी आसानी से नही मिलते इसका इसी घटना से होता है कि सभी औपचारिकताओ के बावजूद दिवंगत पत्रकार को विज्ञापन नही मिला ओर वह आतुर होकर दफ्तर के चक्कर काट रहे थे ओर जिम्मेदार अधिकारी मिलने तक की ज़हमत नही उठा पाऐ ओर अन्ततः पत्रकार व्यवस्था की अफसरशाही के शिकार होकर दम तोड़ गये । यह घटना निंदनीय तो है ही वरन यह जनसम्पर्क संचालनालय के कुप्रबंधन ओर भ्रष्टाचार का जीता जागता प्रमाण है ।
शिवराज सिँह सरकार के पिछले 15वर्षीय कार्यकाल में विज्ञापन शाखा में जमे दलाल , भ्रष्ट अफ़सर ओर विज्ञापन माफियाओं की जमी जड़े आज इतनी मज़बूत हो चुकी है कि वही लोग कर्णधार बनकर विज्ञापन प्रदान कर रहे हैँ । निसंदेह यह व्यवस्था की ख़राबी ही का दुष्परिणाम है कि एक बीमार गरीब पत्रकार विज्ञापन के आभाव में जनसंपर्क संचालनालय की चौखट पर सिर पटक पटक कर कुप्रबंधन के शिकार होगये ।
प्रेस कौंसिल ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद ख़ालिद कैस ने जनसंपर्क संचालनालय के कुप्रबंधन के शिकार हुऐ वृद्ध पत्रकार योगेश दीक्षित के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया ।