@सैयद ख़ालिद कैस8770806210
भोपाल । कोरोना संकट का सामना कर रही कमलनाथ सरकार को विभिषणो के सहारा गिराकर कब्ज़ा करने वाली शिवराज सरकार आज उप चुनाव से पूर्व आरहे सर्वो से सत्ता की बेदखली से चिंतित है यह किसी से छिपा नही । जिनको के कंधो पर सवार होकर शिवराज ने सत्ता सुख प्राप्त किया आज वही विभिषणो सिर दर्द बन गये हैँ । इसी बीच राजधानी भोपाल से आई एक पत्रकार विरोधी ख़बर ने एक बार पुनः यह प्रमाणित कर दिया कि 15वर्षों भाजपा (13वर्ष शिवराज )सरकार ने पत्रकारों के हितों के विपरीत कार्य किए , भूमाफियाओं , अपराधियो के भय ओर आतंक के साथ पत्रकारों के खून से होली खेली । अब वही भय ओर आतंक पुनः स्थापित हो गया है।
जनसम्पर्क संचालनालय के भ्रष्टाचार ओर अनियमितता के शिकार वृद्ध पत्रकार की मौत से अभी पत्रकार बिरादरी उभर भी नही पाई कि प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार एवं दैनिक नईदुनिया के प्रबंध संपादक स्वर्गीय श्री राजेंद्र तिवारी को आवंटित आवास C8, 74 बंगले को खाली कराने की संपदा विभाग के अधिकारियों प्रारंभ कार्यवाही ने शिवराज सरकार के पत्रकार विरोधी होने के आचरण को पुनः उजागर कर दिया ।
उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय राजेंद्र तिवारी कि गत 27 मई को कोरोना संक्रमित होने के कारण चिरायु अस्पताल में निधन हो गया था। परिवार के अन्य सदस्य भी संक्रमित थे।
इसी बीच शासन ने उनके आवास को एक नवनियुक्त मंत्री को आवंटित कर दिया एवं उनके परिवार को आवास खाली करने का नोटिस दे दिया। उक्त आवास में श्री अपूर्व तिवारी अपनी 82 वर्षीय वृद्ध माता एवं परिवार के साथ निवास कर रहे थे।

   एक ओर कोरोना की बीमारी ने स्वर्गीय राजेंद्र तिवारी के परिवार से परिवार के मुखिया की छत्रछाया छीन ली वहीं दूसरी और मध्यप्रदेश शासन ने उनसे आकस्मिक रूप से आवास छीन कर परिवार के साथ कुठाराघात किया है ।
मीडिया के प्रति शिवराज सरकार की मंशा का यह घृणित चेहरा असहनीय है । कोरोना वायरस के शिकार होकर जान गवाने वाले श्री राजेन्द्र तिवारी  के परिवार को मुख्यमंत्री की बेरुखी के चलते शासकीय मकान खाली करना पड़ा।
आज की इस घटना ने मीडिया के प्रति शिवराज सरकार की भावनाओं को तो दर्शाता ही है साथ ही मीडिया और पत्रकारों के साथ मध्यप्रदेश में हो रही उदासीनता को भी उजागर करता है ।