कांकेर में वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला पर हुए हमले की तीखी निंदा ,भूपेश सरकार की आलोचना

प्रेस कौंसिल ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने भूपेश बघेल सरकार से दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की

भोपाल । पत्रकार सुरक्षा कानून को अपने वचनपत्र में शामिल कर कानून बनाने का डंका पीठने वाली भूपेश बघेल की छत्तीसगढ़ सरकार लगभग दो वर्ष की अवधि गुज़र जाने के बावजूद आज तक जहां एक और पत्रकार सुरक्षा बनाने में नाकाम रही है वही दूसरी और पुलिस, प्रशासन और माफिया के गठबंधन ने मीडिया पर हल्ला बोल रखा है ।कल  कांकेर के वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला
के साथ पुलिस थाना के करीब पार्षदों सहित गुंडों द्वारा मारपीट की घटना ने भूपेश सरकार के पत्रकार विरोधी होने के प्रमाण प्रस्तुत कर दिए हैं पुलिस की मौजूदगी में घटित उक्त घटना अत्यंत निंदनीय है।
प्रेस कौंसिल ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष सैयद खालिद क़ैस ने कांकेर में वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला के साथ हुई मारपीट और गाली गुफ़्तार की घटना की निंदा करते हुए भूपेश बघेल सरकार से दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है ।


क्या है घटना:-
जानकारी के मुताबिक वहां प्रशासन, पुलिस, कांग्रेसी व गुंडे एक तरफ हो गए हैं और दूसरी तरफ मीडिया है। इसकी शुरुआत कुछ दिन पहले हुई जब एक पत्रकार रिंकू ठाकुर ने व्हाट्सअप ग्रुप में कलेक्टर से कांकेर में लाकडाउन की मांग की। कलेक्टर ने लिख दिया कि गरीबों को खाना क्या तुम्हारा बाप खिलायेगा। इससे मीडिया व प्रशासन में ठन गई। पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर मुहिम चलाने वाले वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला इस लड़ाई में कूद गए। उन्होंने कांकेर में हो रहे अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ मुहिम शुरू कर दी। यह तो जगजाहिर ही है ऐसे कुकृत्य सत्ताधारी दल के लोग ही करते हैं। इससे कांग्रेसजनों को तकलीफ तो हुई ही, पुलिस के लिए भी मुसीबत खड़ी हो गई। इसी बीच एक पत्रकार सतीश यादव ने पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ठाकुर के खिलाफ सोशल मीडिया में कोई टिप्पणी की। इधर एक और किरदार गणेश तिवारी का है। यह व्यक्ति सजायाफ्ता व जिलाबदर रह चुका बताया जा रहा है। खुद को इंटक का नेता बताता है। एक अन्य साहब अमर कोमरे हैं जो पहले कांकेर के टीआई थे ,पर अनेक पत्नियां रखने व थ्री स्टार होटल खड़ा करने के मामले में वह फिलहाल निलंबित हैं। गणेश तिवारी इन्हीं कोमरे जी का गुर्गा है। कमल शुक्ला इन दिनों इन सबकी करतूत लिख रहे हैं।
शनिवार को पत्रकार सतीश यादव एक होटल में चाय पी रहा था। वहीं पालिका के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र ठाकुर कांग्रेस पार्षदों व गुंडों को लेकर पहुंच गए। पत्रकार सतीश यादव को पीटते हुए थाने ले गए। इसके बाद कमल शुक्ला प्रेस क्लब के दो दर्जन पत्रकारों को लेकर थाने पहुंचे। थाने में विधायक प्रतिनिधि गफ्फार मेनन समेत सैकड़ों कांग्रेसी जुट गए। जितेंद्र, गणेश व मेनन ने शुक्ला को घसीटकर मारा। अन्य पत्रकारों को भी चोट आई। मेनन पिस्टल लहराकर गोली मारने की धमकी देते रहे। अब सत्ताधारी गुंडों पर कार्रवाई करने में पुलिस के हाथ पांव फूल रहे हैं।कांकेर की इस घटना के बाद पत्रकार संगठनों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर दोषियों को दण्डित करने की मांग की है।कल शाम तक भूपेश सरकार के  मंत्री का ब्यान जारी हुआ है।

वहीँ पत्रकार संगठनों ने सरकार को चेताते हुए कहा कि मामला बेहद गंभीर और संवेदनशील है। तत्काल इन गुंडों पर कार्रवाई कीजियेगा। वरना प्रदेश भर के हम पत्रकार उग्र आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।