दिल्ली। आज अंतर्राष्ट्रीय प्रेस स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर पत्रकार सुरक्षा एवं कल्याण के लिए प्रतिबद्ध अखिल भारतीय संगठन “प्रेस क्लब ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स” के आहवान पर देश भर में पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग के सम्बन्ध में महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपे गये।
‌संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद ख़ालिद क़ैस ,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती सादिया बाज़ खान,विधिक सलाहकार एडवोकेट नौमान अहमद खान, राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीपी बंशल ने जहां मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में तो राष्ट्रीय संगठन महासचिव खेमराज चौरसिया ने महाराजपुर छतरपुर में ,राष्ट्रीय सचिव घनश्याम पाटीदार ने निसरपुर धार मप्र में पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग के सम्बन्ध में महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपे।
‌संगठन के राष्ट्रीय महासचिव शाकिर मलेक,राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नसरुद्दीन राठौड़ एवं डॉक्टर हकीम इल्यास शाह व अन्य के साथ आनन्द गुजरात में तो गुजरात इकाई के प्रदेश अध्यक्ष हर्षद भाई कलाल पटेल ने साथी संजय मेवाड़ा सहित अन्य के साथ बनासकांठा गुजरात में पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग के सम्बन्ध में महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपे।


‌मध्यप्रदेश में  बांकानेर धार जिले के  सैयद रिज़वान अली (अधिमान्य पत्रकार) प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने अपनी टीम के साथ थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा।
‌नीमच ज़िले के जावद में प्रदेश सह सचिव आशीष बंग ने अपनी टीम के साथ ज्ञापन सौंपा।


‌बैतूल जिले में संगठन के प्रदेश महासचिव डॉक्टर ज़ाकिर शैख़ में पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग के सम्बन्ध में महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा।


मुख्यमंन्त्री से की गैर अधिमान्य पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित करने की  मांग

आज सम्पूर्ण विश्व अंतर्राष्ट्रीय प्रेस स्वतन्त्रता दिवस मना रहा है।कोरोना काल के इस विकट समय में कोरोना संक्रमण के शिकार हुए पत्रकारों को और अन्य आपराधिक घटनाओं में शहीद हुए पत्रकारों को श्रद्धाजंलि अर्पित की गई  है।इसी बीच मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंन्त्री शिवराज सिंह चौहान की और से एक सन्देश जारी हुआ कि  मध्य प्रदेश में सभी अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को मध्यप्रदेश सरकार ने फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करने का फैसला किया। मुख्यमंन्त्री जी का आज प्रेस स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर यह उपहार काबिल ए तारीफ़ है।परंतु इस आदेश से गैर अधिमान्य पत्रकारों के साथ कुठाराघात  हुआ है। वह गैर अधिमान्य पत्रकार जो निस्वार्थ भाव से फ्रंटलाइन पर पत्रकारिता की गरिमा का कायम रखने के लिए अपने प्राणों तक को दांव पर लगा रहे हैं। निःसन्देह मुख्यमंन्त्री का यह आदेश उनके लिए पक्षपाती है। वास्तविकता में इस कोरोना काल में यदि फ्रंटलाइन पर मौजूद है तो वह हैं गैर अधिमान्य पत्रकार।मैं इससे इंकार नही करता कि अधिमान्य पत्रकार इस काल में अपने दायित्व निर्वाह नही कर रहे। लेकिन इस आदेश से मुठ्ठी भर को खुश करके सैकड़ों के साथ कुठाराघात स्वीकार्य नही है।

प्रेस क्लब ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद ख़ालिद क़ैस ने यशस्वी मुख्यमंन्त्री शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध किया है कि गैर अधिमान्य  पत्रकारों के त्याग,समर्पण और सहयोग को नज़र अंदाज़ न करें।  जनसम्पर्क संचालनालय में पंजीकृत वह सब पत्रकार जो गैर अधिमान्य होकर प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए बतौर पत्रकार,फोटो ग्राफर या जिसे श्रमजीवी पत्रकार की श्रेणी में रखा गया है को भी फ्रंटलाइन वर्कर घोषित कर लाभ प्रदान किया जाए।