वर्तमान मे पत्रकारिता की,स्वतंत्रता और हम।।
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मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।
समाज मे सभी विभिन्न परिवेश, मे एक साथ रहते है।
हम कैसे रहते है,हमारे आसपास लोग कैसे रहते है,यह भी सभी को जानना जरूरी है।

हमारे समाज मे एक प्रबुद्ध वर्ग है,पत्रकार।
समाज को सही दिशा दिखाना ,समानता,न्याय परायण होना ,समाज मे सामजस्य ये हमारे पत्रकार बंधु ही लाते है।
राजा,प्रजा की गतिविधियों को सही या गलत ,आइने की तरह साफ एवं सही प्रतिबीम्ब ,पत्रकार बंन्धु ही समाज के समक्ष प्रस्तुत करते है।
अतः स्वतंत्रता होनी ही चाहिए।

प्रजा तक सत्य सूचना पंहुचे।
भ्रष्टाचार को निर्भिकता से सामने लाना ,अत्यंत आवश्यक है।

पर यह चींतन का विषय है
क्या? सभी पत्रकार बंधु, निष्पक्ष है,सत्य पथ पर चल रहे है?
क्या प्रलोभन से बंधे है?

पूरी तरह स्वतंत्रता मे,सायद थोडी उदंडता भी होती है।
कुछ सीमाएं निर्धारित, होनी चाहिए, निर्भर करता है,
विषय क्या है।
पत्रकारिता मे भय नहीं, स्पष्ट वादिता होनी चाहिए।
स्वतंत्रता आवश्यक है।

पत्रकार बंन्धुओ के,बातों को समाज बीना संदेह स्वीकार करता है।वे आदरणीय होते है।
,अतः सत्य, को निष्पक्ष,हो परोसने की आवश्यकता है।
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गढिए पत्रकार बंधु,
सुन्दर शान्त समाज।
सत्य,सदा अभिब्यक्ति हो,
सबका हो संम्मान।।

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✍🏼शोभा त्रिपाठी शैव्या
छत्तीसगढ़