भोपाल से सिटी रिपोर्टर आसिफ खान की रिपोर्ट।
पत्रकार सुरक्षा कल्याण हेतु प्रतिबद्ध अखिल भारतीय संगठन “प्रेस क्लब आफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ” के प्रतिनिधिमंडल ने गत दिनों पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मुलाक़ात कर प्रदेश में पत्रकारों पर हो रहे अत्याचारों, माफिया, पुलिस प्रशासन की प्रताड़नाओं एवं झूठे मुकदमेबाजी पर अंकुश लगाने हेतु पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने तथा पत्रकार कल्याण आयोग की स्थापना सहित अन्य पत्रकार कल्याणार्थ 16 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा था।जिस पर गम्भीरतापूर्वक ध्यान देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है।
इस आशय की जानकारी आज पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के कार्यालय से प्राप्त पत्र से हुई। जिसमे संगठन अध्यक्ष सैयद ख़ालिद क़ैस को सूचना प्रेषित की गई है।

 

प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स क्रांतिकारी पत्रकारों का अखिल भारतीय संगठन है जो पत्रकार सुरक्षा एवं कल्याण के लिए संघर्षरत है।
मध्यप्रदेश , उत्तर प्रदेश सहित सम्पूर्ण भारत में भूमाफिया , अपराधियो द्वारा पत्रकारों पर उत्पीड़न हो रहा है, साथ ही नौकरशाह से लेकर राजनेता भी पत्रकारों का उत्पीड़न करने से बाज नहीं आ रहे हैं। पत्रकारों के खिलाफ़ झूठे मुकदमे दर्ज कराना अब जनप्रतिनिधियों की आदत में शामिल हो गया है । भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले पत्रकारों का जमकर दोहन किया जा रहा है उनकी आवाज़ दबाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं ओर सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि पुलिस ओर प्रशासन स्तर पर पत्रकारों को सुरक्षा एवं न्याय के स्थान पर प्रताडऩा का सामना करना पड़ रहा है ।
विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के लिए यह बड़े ही चिंता का विषय है कि यहाँ लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना जाने वाली पत्रकारिता भय एवं असुरक्षा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रही । उत्तरप्रदेश में जिस प्रकार विगत तीन माह में तीन पत्रकारों की निर्शन्स हत्याएं की गई वह केवल पुलिस प्रशासन के असहयोग का परिणाम है ।
सम्पूर्ण भारत वर्ष में पत्रकारों के उत्पीड़न को गंभीरता से लेते हुए 12 सूत्री मांगों को लेकर पत्र लिखा था। जिसमें प्रमुख रुप से निम्नलिखित मांग रखी गई है।
1-सम्पूर्ण भारत में पत्रकारों के अधिकार सम्मान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द पत्रकार सुरक्षा अधिनियम बनाकर लागू किया जाए।
2- पत्रकार कल्याण आयोग अथवा मीडिया कल्याण बोर्ड की स्थापना किया जाए ।
3-प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, वेब मीडिया में कार्यरत समस्त पत्रकारों एवं उनके परिवार के प्रत्येक सदस्य का सरकार की ओर से बीमा कराया जाए।
4-प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, वेब मीडिया मे कार्यरत 60 वर्ष से कम आयु के पत्रकारों का टोल प्लाजा पर वाहन टोल टैक्स में एवं रोडवेज बस यात्रा, रेलवे यात्रा, हवाई जहाज की यात्रा में 60% कि छूट एवं 60 वर्ष से ऊपर के पत्रकार के लिए वाहन टोल टैक्स, रोडवेज बस यात्रा, रेलवे यात्रा, हवाई जहाज की यात्रा फ्री किया जाए।
5-प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, वेब मीडिया में कार्यरत पत्रकारों को प्रतिमाह पत्रकार एवं सामाजिक सुरक्षा भत्ता के रूप में ₹25000 दिया जाए।
6-पत्रकारों अन्य जनप्रतिनिधियों की भांति वी आई पी का दर्जा दिया जाए।
7- पत्रकारों के द्वारा संचालित वेब न्यूज़ पोर्टल को सूचीबद्ध करते हुए उन्हें अधिमान्यता पत्रकार का प्रमाण पत्र जारी किया जाए।
8- समस्त प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया,वेब मीडिया में कार्यरत पत्रकारों को समस्त सरकारी कार्यालयों एवं प्राइवेट प्रतिष्ठानों पर जाकर समाचार कवरेज करने की पूरी छूट दी जाए।
9-पत्रकारों के द्वारा समाचार कवरेज करने के दौरान पत्रकारों के ऊपर गलत टिप्पणी करने वाले तथा भ्रष्टाचारियों एवं अपराधियों के द्वारा लगवाए गए फर्जी मुकदमों को वापस लिया जाए एवं दोषियों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई किया जाए।पत्रकारों के विरुध्द अपराधो को जघन्यतम अपराध की श्रेणी में रखा जाए तथा फास्ट ट्रेक कोर्ट की स्थापना कर उनमे प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित हो ।
10-पत्रकारों को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शासकीय , अशासकीय या अनुदान प्राप्त अस्पतालों में आरक्षण एवं सुविधाए उपलब्ध कराई जाऐं ।
11-पत्रकारों के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण प्रदान किया जाऐ ।
12-हिंसा या आपराधिक घटना में मृत्यु या हत्या के मामले में दिवंगत पत्रकार के पीड़ित परिवार को तत्काल 10लाख रूपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित कराया जाए ।