भारत को आज़ाद हुए 73 साल हो चुके हैं, लेकिन हम आज भी संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों को हासिल करने में नाकाम रहे हैं | संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार सभी नागरिकों को गरिमा के साथ जीने का अधिकार मिला हुआ है | हमारा देश एक कल्याणकारी राज्य है, जहां पर नागरिकों के अधिकारों का संरक्षण करना राज्य का दायित्व है, परन्तु अफ़सोस है कि यहाँ सरकार खुद कानूनों का उल्लंघन कर रही है | आज पत्रकारिता के समक्ष तमाम समस्याएं हैं, जिसके कारण सच को आम जनता के समक्ष लाना अत्यंत चुनौती भरा कार्य है | सुविधाभोगी पत्रकारिता ने छोटे व मझोले अखबारों के समक्ष अस्तित्व का संकट खड़ा कर दिया है, जिस पर हम लोगों को सोचने की जरूरत है | खबरों को सुदूर क्षेत्रों तथा गाँव की पगडण्डी से लाने वाले पत्रकार उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं, जबकि खबरों को सत्ता-अधिष्ठान के आस-पास खोजने वाले पत्रकार सुविधा संपन्न होते जा रहे हैं | पत्रकारों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ दिया जाना चाहिए, जिससे वो निर्भीकता व ईमानदारी से अपने कर्तब्यों का निर्वहन कर सकें |